1. सड़क परिवहन: राजस्थान की जीवनरेखा

 

राजस्थान में परिवहन का प्रमुख माध्यम सड़क है। राज्य में सर्वप्रथम राजकीय बस सेवा 1952 में टोंक में प्रारम्भ की गई थी।

 

सड़कों की वर्तमान स्थिति और विस्तार (आंकड़े अद्यतन किए गए हैं जहाँ तक संभव है)

 

  • सड़कों की कुल लंबाई: नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह 2.97 लाख किमी (मार्च 2023 तक) से अधिक हो चुकी है, जो 1949 में मात्र 13,553 किमी थी।
  • सड़क घनत्व: लगभग 87.60 किमी प्रति 100 वर्ग किमी (मार्च 2023 तक), जो 1949 के 3.96 किमी प्रति 100 वर्ग किमी से काफी अधिक है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग (NH):
    • राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या: 45 से अधिक (लगातार परिवर्तित)
    • कुल लंबाई: लगभग 10,740 किमी (मार्च 2023 तक)
    • राज्य का सबसे बड़ा NH: NH-68 (पुराना NH-15, 893.5 किमी), जो पठानकोट-गंगानगर-बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर-जालौर-जोधपुर से गुजरता है।
    • राज्य का सबसे छोटा NH: NH-919 (पुराना NH-71B, 4.7 किमी), जो रेवाड़ी-दारूहेड़ा को अलवर से जोड़ता है।
    • सर्वाधिक व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-48 (पुराना NH-8), दिल्ली-जयपुर-अजमेर-उदयपुर-अहमदाबाद कॉरिडोर।
    • राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक संख्या वाला जिला: पाली (7)।
    • सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग: NH-11 और NH-27 (पुराना NH-76), जो 7 जिलों से गुजरते हैं।
    • राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाला जिला: उदयपुर।
    • राष्ट्रीय राजमार्गों की न्यूनतम लंबाई वाला जिला: करौली।
  • राज्य राजमार्ग (SH):
    • संख्या: लगभग 170
    • कुल लंबाई: लगभग 17,610 किमी (मार्च 2023 तक)
  • अन्य सड़कें:
    • मुख्य जिला सड़कें: लगभग 9,500 किमी
    • अन्य जिला सड़कें: लगभग 34,000 किमी
    • ग्रामीण सड़कें: लगभग 2,25,000 किमी
  • सड़कों से जुड़े गाँव:
    • सर्वाधिक गाँव वाला जिला: उदयपुर
    • न्यूनतम गाँव वाला जिला: सिरोही
  • सड़कों का घनत्व:
    • सर्वाधिक घनत्व: राजसमंद
    • न्यूनतम घनत्व: जैसलमेर
  • भौगोलिक वितरण: अरावली के पश्चिमी क्षेत्र में सड़कों की लंबाई अधिक है, जबकि इसके पूर्वी क्षेत्र में इनकी लंबाई कम है।
 

सड़क विकास के लिए प्रमुख संस्थाएँ और परियोजनाएँ

 

  • राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDCC): 2001 में स्थापित, इसका उद्देश्य आधुनिक पुलों, सड़कों और भवनों का तेजी से और योजनाबद्ध तरीके से निर्माण करना है।

  • राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड: कृषि उपज मंडियों को सीधे गाँवों से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण और मरम्मत में भूमिका निभाता है।

  • सीमा सड़क संगठन (BRO): मई 1960 में स्थापित, यह उत्तरी और उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का विकास करता है, और वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में भी कार्य करता है।

  • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC): 1 अक्टूबर 1964 को स्थापित (मुख्यालय जयपुर), यह राज्य में यात्री सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। 2025 तक, RSRTC अपनी फ्लीट का आधुनिकीकरण कर रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों और बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है।

  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI): 1995 में स्थापित केंद्रीय संगठन, राष्ट्रीय उच्च मार्गों और एक्सप्रेस मार्गों का निर्माण व रखरखाव करता है।

  • राजस्थान आधारभूत पथ विकास कंपनी (RIDCOR): अक्टूबर 2004 में राजस्थान सरकार और ILFS की 50:50 भागीदारी से बनी, यह राजस्थान की “मेगा हाईवे परियोजना” का संचालन करती है। रिडकोर के अध्यक्ष राजस्थान के मुख्य सचिव होते हैं।

 

प्रमुख सड़क परियोजनाएँ और पहल:

 

  • जयपुर-गुरुग्राम NH-48 (पुराना NH-8): 6-लेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे दिल्ली-जयपुर यात्रा समय में कमी आएगी।

  • जयपुर-देवली-कोटा NH-52 (पुराना NH-12): 4-लेन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

  • राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास: 2025 तक, राष्ट्रीय राजमार्गों को दो, चार और छह लेन में विकसित करने की कई परियोजनाएँ चल रही हैं, जिनका उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना है।

  • राजस्थान राज्य राजमार्ग अधिनियम 2014: 8 मई, 2015 से लागू, यह सड़कों के विकास, संचालन, सुरक्षा और राजमार्गो तथा संलग्न भूमियों के नियमन हेतु है।

  • राजस्थान स्टेट हाईवेज अथॉरिटी (SHAR): 2 जून, 2015 को गठित।

  • मलेशिया सरकार का निवेश: रिसर्जेंट राजस्थान (2015) के दौरान राजमार्गों के विकास हेतु मलेशियाई कंपनियों के माध्यम से ₹10,000 करोड़ के निवेश का करार हुआ था, जिससे लगभग 4000 किमी सड़कों का विकास प्रस्तावित है।

  • ग्रामीण गौरव पथ योजना (2014-15): प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी की ‘ग्रामीण गौरव पथ’ सड़क मय नाली निर्माण के साथ विकसित की जा रही है।

  • राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP): 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह परियोजना, 2001 की जनगणना के अनुसार 250-499 आबादी वाले सभी राजस्व गाँवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य रखती है।

  • जन-निजी सहभागिता (PPP) नीति: यातायात दबाव कम वाले राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों और मुख्य सड़कों के विकास हेतु PPP मॉडल को बढ़ावा दिया जा रहा है।

  • दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (DMIC): जापान की वित्तीय व तकनीकी सहायता से क्रियान्वित यह मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना, दिल्ली और मुंबई के मध्य 1483 किमी लंबा कॉरिडोर है।

    • कुल लंबाई का 39% राजस्थान से गुजरता है, जो 7 जिलों (अलवर, सीकर, नागौर, जयपुर, अजमेर, पाली, सिरोही) से होकर जाएगा।

    • DMIC के विकास की परिधि में 22 जिले सम्मिलित हैं, जहाँ 5 नोड्स (2 इन्वेस्टमेंट रीजन और 3 औद्योगिक क्षेत्र) विकसित किए जा रहे हैं।

    • खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इन्वेस्टमेंट रीजन: दिल्ली NCR का भाग, जहाँ इंटीग्रेटेड टाउनशिप, ग्लोबल सिटी (शाहजहाँपुर-नीमराणा-बहरोड़), एयरोट्रोपॉलिस हवाई अड्डा (पालड़ी, मनोहरपुर में नया अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा), और क्षेत्रीय मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) प्रस्तावित हैं।

    • नॉलेज सिटी परियोजना: खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र का कुछ भाग नॉलेज सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    • जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र: सिकंदरा में ग्रोथ पोल, ब्रॉडगेज निर्माण (जयपुर-भरतपुर-आगरा), और एग्रो फूड प्रोसेसिंग जोन प्रस्तावित।

    • अजमेर-किशनगढ़ इन्वेस्टमेंट रीजन: टेक्सटाइल पार्क और लॉजिस्टिक पार्क का विकास प्रस्तावित।

    • राजसमंद-भीलवाड़ा-औद्योगिक क्षेत्र: उदयपुर एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण।

    • जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र: पाली में टेक्सटाइल पार्क, एग्रोफूड प्रोसेसिंग जोन, जोधपुर हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण, मारवाड़-जंक्शन पर इनलैंड कंटेनर डिपो, पाली-सोजत बाईपास और जोधपुर को मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक हब बनाने का प्रस्ताव।

  • स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना:

    • प्रथम (स्वर्णिम चतुर्भुज): दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई को जोड़ता है। राजस्थान में NH-48 (पुराना 8), NH-27 (पुराना 76), NH-48 (पुराना 79) और NH-448 (पुराना 79A) पर 694 किमी का कार्य 7 जिलों (अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, डूंगरपुर) से होकर निकलता है।

    • द्वितीय भाग प्रथम चरण (पूर्व-पश्चिम गलियारा): सिलचर (असम) से पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ता है। राजस्थान में NH-14 (60 किमी) और NH-27 (पुराना 76, 468 किमी) को मिलाकर 528 किमी की लंबाई 8 जिलों (पिंडवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां) से गुजरती है।

    • द्वितीय भाग द्वितीय चरण (उत्तर-दक्षिण गलियारा): कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ता है। यह राजस्थान में केवल धौलपुर जिले से गुजरता है।

    • अन्य चरण: NH-11 (जयपुर से आगरा) पर 4-लेन कार्य, NH-23 (पुराना 11B, करौली से धौलपुर) और ब्यावर से गौमती चौराहे तक 6-लेन कार्य।

  • राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC):

    • स्थापना: 1 अक्टूबर 1964, आदर्श वाक्य: “शुभास्ते पन्थान: सन्तु”।

    • राजस्थान ग्रामीण परिवहन सेवा: 18 जिलों की 1,434 ग्राम पंचायतों में 64 क्लस्टर्स पर 370 वाहन PPP मोड द्वारा जुड़े हैं। 2025 तक, डिजिटल भुगतान और रूट ऑप्टिमाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है।

    • राजस्थान लोक परिवहन सेवा: 13 नवंबर, 2015 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा शुरू की गई, निजी बस ऑपरेटरों को 476 राष्ट्रीकृत मार्गों पर संचालन की अनुमति दी गई।

    • निर्भया बस: 25 मई, 2016 को केंद्रीय सड़क विकास मंत्री नितिन गडकरी द्वारा शुरू की गई, इन बसों में महिलाओं की सुरक्षा हेतु CCTV कैमरे और आपातकालीन अलार्म लगाए गए हैं। 2025 तक, सभी सार्वजनिक बसों में GPS ट्रैकिंग और पैनिक बटन अनिवार्य किए जा रहे हैं।

  • मोटर वाहन पंजीयन के लिए नवाचार: स्मार्ट कार्ड जारी किए जा रहे हैं, ऑनलाइन लाइसेंस पोर्टल और वेब आधारित वाहन पंजीयन सॉफ्टवेयर का विस्तार किया जा रहा है। सारथी सॉफ्टवेयर चालकों और परिचालकों के लाइसेंस के कंप्यूटरीकरण के लिए है।

  • अन्य सड़क विकास प्रयास:

    • ग्रामीण गौरव पथ योजना (2014-15): प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी की सड़क का निर्माण।

    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: 25 दिसंबर, 2000 को शुरू, इसमें केंद्र और राज्य का वित्त हिस्सा 60:40 है। 2025 तक, दूरस्थ गाँवों को भी सड़क कनेक्टिविटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

    • भारतमाला परियोजना: राजस्थान में लगभग 1,501 किमी लंबी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें आर्थिक गलियारे, फीडर सड़कें और सीमावर्ती सड़कें शामिल हैं।

    • सेतुभारतम परियोजना (4 मार्च, 2016): राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी रेलवे क्रॉसिंग को ROB (रेलवे ओवरब्रिज) में बदलने की योजना।

    • राजस्थान सड़क सुरक्षा नीति (29 नवंबर, 2016): 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को 50% कम करने का लक्ष्य था, और 2025 तक इसे और कम करने के लिए उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणालियों और जन जागरूकता अभियानों पर काम किया जा रहा है।

    • देश का पहला इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट: अलवर में।

    • ट्रैफिक पार्क: जयपुर में।

    • इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च: रेलमगरा (राजसमंद) में।


 

2. रेल परिवहन: आधुनिकीकरण और कनेक्टिविटी

 

  • रेल मार्गों की कुल लंबाई: मार्च 2023 के अंत तक, राज्य में रेल मार्गों की कुल लंबाई लगभग 6,000 किमी हो चुकी है, जो मार्च 2018 के 5,929 किमी से अधिक है।

  • भारतीय रेल प्रणाली में योगदान: राजस्थान भारतीय रेल मार्ग का लगभग 6.6% हिस्सा रखता है और उत्तर प्रदेश के बाद देश में रेलमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाला दूसरा राज्य है।

  • गेज वितरण: इसमें 77% ब्रॉड गेज, 16.9% मीटर गेज और 1.33% नैरो गेज रेलमार्ग शामिल हैं। मीटर गेज और नैरो गेज को धीरे-धीरे ब्रॉड गेज में बदला जा रहा है।

  • रेलवे जोन और मंडल: भारत में रेलवे को 18 जोन और 70 मंडलों में बांटा गया है। राजस्थान में पांच जोन और नौ मंडलों का कार्यक्षेत्र पड़ता है। उत्तर-पश्चिम रेलवे (NWR) का मुख्यालय जयपुर में है, जिसका गठन 1 अप्रैल, 2003 को हुआ था।

  • रेल घनत्व: राज्य में रेलमार्गों का घनत्व 16 किमी प्रति हजार वर्ग किमी है।

  • भारतीय रेल अनुसंधान व परीक्षण केंद्र: पचपदरा (बाड़मेर) में निर्माणाधीन है, जहाँ तेज गति (180 किमी प्रति घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जाएगा। यहाँ से बालोतरा तक 5 किमी का आधुनिक रेलमार्ग भी बनाया जा रहा है।

  • सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष: उदयपुर में।

  • पहला लोको कारखाना: अजमेर में 1879 में स्थापित, जहाँ पहला इंजन 1895 में बना।

  • पहली रेल: राजस्थान में पहली रेल आगरा फोर्ट से बांदीकुई (जयपुर रियासत) के मध्य अप्रैल, 1874 में चली।

  • एकमात्र नैरो गेज: वर्तमान में केवल धौलपुर जिले में नैरो गेज रेलमार्ग है।

  • रेलवे कनेक्टिविटी के बिना जिले (2025 तक परिवर्तनशील): बांसवाड़ा जिला रतलाम, बांसवाड़ा, डूंगरपुर रेलवे लाइन बनने से रेलमार्ग से जुड़ गया है। अब प्रतापगढ़ ही एकमात्र ऐसा जिला रह गया है जहाँ कोई रेलमार्ग नहीं है (यह जानकारी भी परियोजना पूर्ण होने के साथ बदल सकती है)।

 

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना

 

  • शिलान्यास: 24 फरवरी, 2011।

  • संचालन: मानसरोवर से चांदपोल (चरण IA) तक मेट्रो रेल का संचालन 3 जून, 2015 से प्रारंभ हुआ। 2025 तक, जयपुर मेट्रो का विस्तार चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक (चरण IB) और आगे भी किया जा चुका है, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ी है।

  • मेट्रो कॉर्पोरेशन: ‘जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन’ (JMRC) का गठन 1 जनवरी, 2010 को किया गया।

  • अद्वितीय संरचना: अजमेर पुलिया से सोडाला तक दोहरा एलिवेटेड ट्रैक (Double Elevated Structure) का निर्माण किया गया है, जो देश का पहला और एशिया का दूसरा ऐसा ट्रैक है (पहला बैंकॉक में)।

  • स्थिति: जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली भारत की छठी मेट्रो रेल प्रणाली है।

  • हरित ऊर्जा: मानसरोवर डिपो पर 100 KWP क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित है।

  • डिजिटल नवाचार: स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन (TVM) और स्मार्ट कार्ड का प्रावधान है।

  • ऊर्जा दक्षता: 9 किमी लंबे एलिवेटेड मार्ग पर 12,800 एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं, जो भारत के किसी भी रेलवे नेटवर्क पर बनी सबसे लंबी एलईडी स्काईलाइन है।

  • महिला सशक्तिकरण: श्याम नगर मेट्रो स्टेशन को एक ‘महिला शक्ति रेलवे स्टेशन’ के रूप में विकसित किया गया है, जहाँ सभी मेट्रोकर्मी महिलाएँ हैं।

 

राजस्थान में स्थित रेलवे उपक्रम

 

  • सिमको वैगन फैक्ट्री (Central India Machinery Manufacturing Company): भरतपुर (1957 में स्थापित, अक्टूबर 2008 में पुनः प्रारंभ)।

  • पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र: उदयपुर (1965)।

  • अजमेर लोकोमोटिव कारखाना: अजमेर (1895)।

  • पहली रेल बस: 2 अक्टूबर, 1994 को मेड़ता रोड से मेड़ता सिटी के बीच प्रारंभ की गई।

  • गरीब रथ: जयपुर से बांद्रा (2007) और जयपुर से चंडीगढ़ वाया भिवानी, रेवाड़ी (हफ्ते में तीन दिन) चल रही हैं।

  • फेयरी क्वीन (1855): विश्व का सबसे पुराना रेलवे इंजन जो वर्तमान में परिचालन में है, यह दिल्ली से अलवर के बीच विशेष पर्यटन उत्सवों पर चलता है।

  • पैलेस ऑन व्हील्स: 1982 में मीटर गेज पर प्रारंभ, 1995 से ब्रॉड गेज पर चल रही है।

  • हेरिटेज ऑन व्हील्स: फरवरी 2006 में जयपुर से बीकानेर वाया सीकर, झुंझुनू, चूरू।

  • विलेज ऑन व्हील्स: स्वदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पैलेस ऑन व्हील्स की तर्ज पर 29 नवंबर, 2004 को प्रारंभ की गई।

  • थार एक्सप्रेस: 17 फरवरी, 2006 को मुनाबाव से खोखरापार (पाकिस्तान) के बीच चलाई गई।

  • एशिया का सबसे बड़ा मीटर गेज रेलवे यार्ड: फुलेरा में स्थित है।

  • रेल बाबा: किशनलाल सोनी (बूंदी) को कहा जाता है।

  • पहली डबल डेकर ए.सी. ट्रेन: जयपुर से दिल्ली के बीच चलाई जा रही है।

  • पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन (मालगाड़ी): कनकपुरा (जयपुर) से पीपावाव पोर्ट (गुजरात) के बीच।

  • मोनो रेल (प्रस्तावित): राज्य के छह शहरों – जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर में मलेशिया के सहयोग से चलाए जाने का प्रस्ताव है।

  • सबसे बड़ा रेल कंटेनर डिपो: अजमेर के दौराई में रेलवे प्रशासन द्वारा बनाया गया।

  • भवानी मंडी रेलवे स्टेशन: राज्य का एकमात्र रेलवे स्टेशन जो आधा राजस्थान में और आधा मध्यप्रदेश में है।


 

3. वायु परिवहन: हवाई संपर्क का विस्तार

 

वायु परिवहन संघ सूची का विषय है।

 

हवाई अड्डों और हवाई पट्टियों की स्थिति (2025 तक संभावित विस्तार)

 

  • कुल हवाई अड्डे: राजस्थान में वर्तमान में लगभग 12 हवाई अड्डे (6 नागरिक और 6 सैन्य) और लगभग 20 से अधिक हवाई पट्टियाँ हैं।

  • अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा:

    • राजस्थान का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सांगानेर (जयपुर) में है। इसे 29 दिसंबर, 2005 को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया था।

    • 2015 में इसे ‘वर्ल्ड्स बेस्ट एयरपोर्ट’ का दर्जा भी मिल चुका है।

    • जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से देश के प्रमुख शहरों (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता आदि) के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों (दुबई, अबू धाबी, मस्कट, सिंगापुर, बैंकॉक आदि) के लिए उड़ानें संचालित की जा रही हैं। 2025 तक, नए अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ने और कार्गो सेवाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जा रहा है।

  • अन्य नागरिक हवाई अड्डे:

    • महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, डबोक (उदयपुर): जयपुर, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता के लिए घरेलू हवाई सेवा उपलब्ध है। भविष्य में इसे भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए अपग्रेड किया जा सकता है।

    • रातानाडा हवाई अड्डा, जोधपुर: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और जयपुर के लिए हवाई सेवा संचालित।

    • कोटा एयरपोर्ट: (वर्तमान में हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई है, लेकिन पुनरुद्धार के प्रयास जारी हैं)।

    • बीकानेर एयरपोर्ट: दिल्ली-बीकानेर-दिल्ली हवाई सेवा 26 सितंबर, 2017 से प्रारंभ।

    • जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट: 29 अक्टूबर, 2017 को उद्घाटन। पर्यटन और सीमावर्ती क्षेत्रों की कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण।

    • किशनगढ़ (अजमेर) नागरिक हवाई अड्डा: 11 अक्टूबर, 2017 को उद्घाटन। अजमेर और पुष्कर के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करता है।

  • नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे:

    • कोट कासिम (अलवर): नया ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा प्रस्तावित है, जो दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिए महत्वपूर्ण होगा।

    • मेलावास गंगाणी (जोधपुर): नया ग्रीनफील्ड सिविल एयरपोर्ट प्रस्तावित है।

  • हवाई पट्टियाँ: कुल 20 हवाई पट्टियाँ हैं, जिनमें से 4 निजी (कांकरोली – जे.के. ग्रुप, पिलानी – बिरला ग्रुप, वनस्थली – वनस्थली विद्यापीठ, अटरू – अडानी ग्रुप) और शेष 16 राज्य सरकार के अधीन हैं।

  • सैन्य हवाई अड्डे: जोधपुर, नाल (बीकानेर), उत्तरलाई (बाड़मेर), जैसलमेर, सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) और फलौदी (जोधपुर) में 6 सैन्य हवाई अड्डे भारतीय वायुसेना के अधीन हैं।

  • राजस्थान सिविल एविएशन कॉर्पोरेशन: 20 दिसंबर, 2006 को राज्य सरकार द्वारा अपने हेलीकॉप्टर और वायुयान के वाणिज्यिक उपयोग हेतु गठित।


 

परिवहन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्य और आगामी पहलें

 

  • राजस्थान राजमार्ग अधिनियम 2014: 8 मई, 2015 को लागू हुआ।

  • राजस्थान राज्य राजमार्ग विकास परियोजना: जायका, विश्व बैंक और एडीबी जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा वित्त पोषित।

  • रेलवे जोन और मंडल: राजस्थान राज्य में वर्तमान में 1 जोन (उत्तर-पश्चिम रेलवे) और 5 मंडल कार्यालय हैं।

  • अमृत कक्ष: जयपुर मेट्रो में चांदपोल व मानसरोवर मेट्रो स्टेशनों पर धात्री माताओं द्वारा शिशु को दूध पिलाने के लिए निर्मित विशेष कक्ष।

  • पहला एयरोट्रोपोलिस एयरपोर्ट: कोट कासिम (अलवर)।

  • हनुमानगढ़: राज्य का वह जिला है जहाँ पर कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है (हालांकि, नए एनएच के जुड़ने से यह स्थिति बदल सकती है)।

  • ट्रैफिक पार्क: जयपुर में।

  • पाकिस्तान से आने वाली थार एक्सप्रेस का प्रथम स्टेशन: गडरारोड (बाड़मेर)।

  • राजस्थान एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स: सांगानेर (जयपुर) में स्थित है, जिससे हवाई माल ढुलाई को बढ़ावा मिलता है।

  • रेलवे ट्रेनिंग स्कूल: उदयपुर में।

  • सड़क निर्माता शासक: शेरशाह सूरी।

  • प्रदेश का पहला एक्सप्रेस हाईवे: NH-48 (पुराना NH-8)।

  • देश का पहला ट्रांसपोर्ट हब: रेलमगरा (राजसमंद)।

  • राज्य का पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: नीमराना (अलवर) में प्रस्तावित।

  • राजस्थान सड़क विकास कोष अधिनियम: 2004।

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