जगदीप धनखड़: इस्तीफे की पूरी कहानी
जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़:

क्या है संविधान का अनुच्छेद 67(b)? जानिए उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे का सच

जगदीप धनखड़ कौन हैं?

जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति रहे हैं। उन्होंने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

अनुच्छेद 67(b) क्या है?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(b) के अनुसार, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित त्यागपत्र देकर अपना पद छोड़ सकते हैं।

इस्तीफे के बाद क्या होगा?

अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेंगे।

जगदीप धनखड़: इस्तीफे की पूरी कहानी
जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

वह एक वरिष्ठ वकील, राजनीतिज्ञ और पूर्व राज्यपाल (पश्चिम बंगाल) रह चुके हैं।

क्या है अनुच्छेद 67(A)?

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 67(A) जैसा कोई प्रावधान नहीं है। संभवतः यह एक टाइपो या गलतफहमी हो सकती है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे और पदमुक्ति से संबंधित प्रावधान अनुच्छेद 67(b) और अनुच्छेद 56 में दिए गए हैं:

अनुच्छेद 56: राष्ट्रपति त्यागपत्र दे सकते हैं, जो उपराष्ट्रपति को संबोधित होता है।

अनुच्छेद 67(b): उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित त्यागपत्र देकर अपना पद छोड़ सकते हैं।

इसलिए, जगदीप धनखड़ ने संभवतः अनुच्छेद 67(b) के तहत इस्तीफा दिया है।

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद क्या होगा?

रिक्ति की सूचना: राष्ट्रपति द्वारा संसद को सूचित किया जाएगा।

नए उपराष्ट्रपति का चुनाव:

  • चुनाव निर्वाचक मंडल (संसद के दोनों सदनों के सदस्य) द्वारा किया जाएगा।
  • चुनाव की प्रक्रिया अनुच्छेद 66 के तहत होगी।

कार्यवाहक उपराष्ट्रपति: यदि पद रिक्त हो, तो कोई कार्यवाहक उपराष्ट्रपति नहीं होता, लेकिन राज्यसभा का सभापतित्व उपसभापति संभालते हैं।

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर - एक विश्लेषण

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर: वकील से उपराष्ट्रपति तक

भारत के उपराष्ट्रपति के राजनीतिक करियर का संक्षिप्त विवरण

जगदीप धनखड़

प्रमुख राजनीतिक मील के पत्थर

1979: राजस्थान हाईकोर्ट में वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की।
1989: पहली बार लोकसभा सदस्य (झुंझुनू, राजस्थान) चुने गए।
1990: केंद्रीय मंत्री (अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय) बने।
2019: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त हुए।
2022: भारत के उपराष्ट्रपति चुने गए।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा एक अहम राजनीतिक घटना है। हालांकि, संविधान में अनुच्छेद 67(A) नहीं है, लेकिन संभवतः 67(b) के तहत उन्होंने त्यागपत्र दिया है। अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

जगदीप धनखड़: इस्तीफे की पूरी कहानी
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जगदीप धनखड़: इस्तीफे की पूरी कहानी

क्या है संविधान का अनुच्छेद 67(b)? जानिए उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे का सच

जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पदेन सभापति हैं। वह एक वरिष्ठ वकील, राजनीतिज्ञ और पूर्व राज्यपाल (पश्चिम बंगाल) रह चुके हैं। उनका जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले में हुआ था। उन्होंने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति का पद संभाला था और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक चलना था।

इस्तीफे का कारण और अनुच्छेद 67(A)

21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(A) का उल्लेख किया।

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